Benefits Of Lemon (नींबू) In Ayurveda
BENEFITS OF LEMON HOME REMEDIES
लेटिन नाम : साइट्रस मेडिका (Citrus medica)
नींबू का सेवन हर मौसम में किया जा सकता है | यह बदलते मौसम के अनुरूप ही अपने गुणों को समायोजित कर मौसमी दोषों से बचाता है | नींबू का मुख्य काम शरीर के विषों को नष्ट कर उन्हें बाहर निकलना है |
विटामिन ‘सी’ : विभिन्न रोगों से बचने, स्वास्थ्य, और शक्ति प्राप्त करने नींबू का रस विटामिन ‘सी’ का भंडार है | विटामिन ‘सी’ शरीर में घट जाने से स्कर्वी, एनीमिया, हड्डी के जोड़ो की पीड़ा, रक्तस्राव, दांतो के रोग, पायरिया, कुकरखांसी दमा आदि रोग हो जाते हैं | नींबू के सेवन से इनमें लाभ होता है तथा सल्फाड्रग्स के सेवन से उत्पन्न दोष भी दूर हो जाते हैं |
सीने की जलन – 1 पाव ठंडे जल में नींबू डालकर देने से लाभ पहुँचेगा |
दाद – नौसादर (एक तीक्ष्ण झालदार खार या नमक) को नींबू के रस (Lemon Juice) में पीसकर दाद पर लगाए | (2) दाद को खुजला कर दिन में चार बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है |
आयु बढ़ना : प्रो० स्कमोल के अनुसार यदि थोड़ा-सा नींबू नित्य सेवन किया जाये तो आयु बढ़ती है । इसका अधिक सेवन हानिकारक है।
मुहांसे – 1 तोला मलाई में चौथाई नींबू निचौड़कर नित्य मुह पर मलें |
उलटी – आधा नींबू का रस, 1 छटांक पानी, माशा छोटी इलायची के दाने मिलाकर पिलायें |
पेचिस – आधा पाव ताजे पानी में नींबू डालकर दिन में 3-4 बार दें |
सिर चकराना – मैदे के कारण सिर चकराने, दौरा पड़ने पर कुछ पानी में नींबू डालकर 2-2 बार दीजिये।
वायुगोला : 6 ग्राम नींबू का रस आधा गिलास गर्म पानी में मिलाकर पिलाने से आराम होता है।
तिल्ली – 1 नींबू (Lemon) नित्य लाहौरी नमक में खाने से तिल्ली में लाभ पहुँचेगा |
शिशुओं की उलटी : नींबू के रस की पांच बून्द तीन चम्मच पानी में मिला कर पिलायें, शिशु दूध नहीं उलटेगा।
खुनी बवासीर – कागजी नींबू काटकर 1 माशा कत्था लगाकर रात को छत पर रखें प्रांत चूसिये |
मुह की बदबू – 1 छटांक अर्क गुलाब में आधा नींबू (Lemon) डालकर कुल्ला करें, मुह की बदबू दूर करेगा |