Health Benefits of Carrot Juice – पेट के रोगों में
पेट के रोग : गाजर में विटामिन बी कंपलेक्स मिलता है जो पाचन-संस्थान को शक्तिशाली बनाता है | भोजन ना पचना, पेट में वायु पैदा होना इससे दूर हो जाता है. | इससे आंतों की गैस, ऐंठन, शोथ, घाव, जलोदर, एपेन्डिसाइटिस, वृहदान्त्र शोथ (Colitis), सड़ांद, खराश दूर हो जाती है और मल में बदबू नहीं आती | इसका रस पीते ही आराम प्रतीत होता है |
बच्चों की दुर्बलता में –
बच्चों की दुर्बलता : दुर्बल बच्चों को 2-3 चाय की चम्मच गाजर का रस (Carrot Juice) |नित्य तीन बार पिलाने से बच्चे हृष्ट-पुष्ट हो जाते हैं | स्वस्थ बच्चों को पिलाने से भी बच्चे बलिष्ठ हो जाते हैं | बच्चे की मां भी गाजर खाए ग्यारस पिए तो उत्तम स्वास्थ्यवर्धक है | जिन शिशुओं को जन्म से ही गाजर का रस दिया जाता है वह कदापि बीमार नहीं पड़ते | दूध के साथ गाजर का रस पिलाने से बच्चे का विकास तेजी से होता है |
दूध की वृद्धि : दूध पिलाने वाली माताओं को गाजर का रस पिलाने से दूध बढ़ता है |
कष्टार्तव,अनार्तव : यदि मासिक धर्म ना आता हो तो दो चम्मच गाजर के बीज और एक चम्मच गुड़ एक गिलास पानी में डालकर नित्य सुबह-शाम दो बार गर्म-गर्म पीयें तो इससे मासिक धर्म में होने वाला दर्द भी ठीक हो जायेगा |
बाँझपन में उपचार –
बांझपन : गाजर के बीजों की धूनी इस प्रकार दे कि धुआं बच्चेदानी तक चले जाए | जलते हुए कोयले पर गाजर के बीज डाले | इससे धुआं होगा | इसी धुएँ की धूनी दें | नित्य गाजर का रस पीएं |
गर्भावस्था : माताओं को गाजर का रस (Carrot Juice) नित्य प्रातः चाहिए |इससे उनके दूध की गुणवत्ता बढ़ती है |धर्म समय गाजर का रस पीते रहने से सेप्सिस रोग नहीं होता | गाजर का रस पीते रहने से शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं रहती | कैल्शियम की गोलियां खाने आवश्यकता नहीं पड़ती |
मोटापा : गाजर का रस (Carrot Juice) पीने से मोटापा बढ़ता है |
कैंसर : गाजर का रस (Carrot Juice) पीते रहने से कैंसर में लाभ होता है | ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में ज्यादा लाभदायक है |
यकृत (Liver Diseases) : यकृत रोगग्रस्त, पित्तदोषग्रस्त व्यक्तियों को बार-बार गाजर खाने चाहिए | फ्रांस में रोगों के लिए गाजर को अप जोगी समझते हैं | यह यकृत को ताकत देती है |
पीलिया : गाजर पीलिया की प्राकृतिक औषधि है| यूरोप में पीलिया के रोगियों के लिए गाजर का रस, गाजर का सूप या गाजर का धर्म काढ़ा देने का रिवाज है |
हृदय की धड़कन बढ़ना तथा रक्त गाढ़ा होने की बीमारी में गाजर लाभ करती है| हृदय कमजोर होने पर नित्य दो बार गाजर का रस पीयें |
घी, तेल, चिकनी चीजें ना पचने पर गाजर का रस 310 ग्राम पालक का रस 185 ग्राम मिलाकर पीयें |
तिल्ली : गाजर का अचार बनाकर खिलाने से तिल्ली कम हो जाती है |
बड़ी आंत की सूजन में गाजर – का रस 185 ग्राम, चुकंदर का रस 150 ग्राम, खीरा का रस 160 ग्राम मिलाकर पीयें |
दस्त : इससे पुराने दस्त और अपच के दस्त, संग्रहणी ठीक हो जाते हैं |
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