Uses of Sesame Seeds (तिल) In Ayurveda
12 HERBAL BENEFITS OF SESAME SEEDS
- दो तोले काले तिल की दाल ठंडी करके नियमत खाने से बवासीर अवश्य समाप्त होगी |
- काले तिन दो तोले, अजवायन 1 तोला जल से काढ़ा बनाकर 2 छटांक रहने पर पुराना गुड़ डालकर पिलाइए | पीड़ा देकर मासिक आना समाप्त होगा |
- तिल दूध में डालकर उनसे स्नान कीजिए जिगर के कष्ट समाप्त होंगे |
- तिल पीसकर गर्म करके पीने से स्त्रियों के स्तनों में दूध अधिक उतरेगा |
- तिल पीसकर गौमूत्र में पकाकर फोड़े पर बाँधने से वह बैठ जायेगा |
- तिल 4 भाग, सौंठ 1 भाग, अखरोट की गिरी दो भाग कूटकर मीठा पानी मिलाकर खाने से वायु का दर्द ठीक होकर बल मिलेगा |
- तिल भुनकर जरा सा गुड़ मिलाकर 4-4 तोले के लड्डू बनाकर सुबह-शाम खाने से अधिक पेशाब आना रुकेगा |
- 3-4 तोले तिल रोज रात को खूब चबाने के बाद यदि ठंडा जल पीएं तो दाँत मजबूत होंगे |
- मूली खाने के बाद यदि कोई विकार बन जाये तो तिल चबाइये |
- तिल पाने में पीसकर घाव पर बांधिये | घाव शीग्र भर जाएगा |
- तिल 5 भाग, बादाम की गिरी एक भाग, मुनुक्का एक भाग, पीपल 1 भाग, गोला 1 भाग सबको कूटकर इस्तेमाल करने से पाचनशक्ति बढ़ती है व बल-वृद्धि भी होती है |
- तिल, अलसी, होली, राई मेवा, गरी, मावा महीन कूटकर तिल का तेल डालकर गर्म करके पानी डालिए | सहता-सहता घुटने व् जोड़ों पर बांधिए | डेढ़ से दो मास के इस्तेमाल से जुड़े अंग, चालू और दर्द समाप्त करता है |